श्री माताजी के जीवन में भी आस्था के महत्व के कई उदाहरण हैं। इसका एक अद्भुत उदाहरण 1989 में प्राग में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हुआ। एक वृद्ध महिला श्री माताजी के पास आती है, जो ठीक से चल नहीं सकती, देख नहीं सकती, सुन नहीं सकती और चार लोग उसे मंच पर लाते हैं, लेकिन वह श्री माताजी से दिल में महसूस होने वाले जादुई शब्द कहती है, कि श्री माताजी, मुझे आप पर भरोसा है। श्री माताजी चक्र को थोड़ा सा साफ़ करती हैं और अचानक वह महिला बिना किसी सहारे के खड़ी हो जाती है और सुन और देख भी सकती है। श्री माताजी बाद में श्री गणेश की पूजा में इसका वर्णन करती हैं।
Examples of Faith on Shree Mataji, Paramachaitanya and Ourselves